नवरात्रि की शुभकामनाएं
दोहा छन्द
शारदीय नवरात्रि का, आज हुआ आरंभ।
पापनाशिनी मातु अब,मिटा हमारे दम्भ।।
करें कलश की स्थापना,पूजन विधि अनुसार।
प्रथम दिवस माँ शैल का,वंदन बारम्बार।।
आदि शक्ति का रूप हैं,दुर्गा के अवतार।
कृपा करो वरदायिनी, सुखमय हो संसार।।
माँ आओ उर धाम में,यही लगी है आस।
अंतर्मन की शुद्धि में,जीवन का उल्लास।।
विकट आपदा काल है,मिटा जगत का त्रास।
दुष्टों का संहार कर, मन में भरो हुलास।।
स्वरचित
अनिता सुधीर
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (18-10-2020) को "शारदेय नवरात्र की हार्दिक शुभकामनाएँ" (चर्चा अंक-3858) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
-- शारदेय नवरात्र की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
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सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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सुन्दर
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत सुंदर छंदबद्ध कविता । अभिनंदन एवं आपको भी नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं ।
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