Sunday, August 28, 2022

ईश्वर

 


6 comments:

  1. वाह! बहुत सुंदर। कबीर याद आ गए।

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  2. "निर्धन की मुस्कान में मिला ईश का प्यार।"- सत्य वचन।

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  3. जी सादर अभिवादन

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  4. वाह . रहीम कवि ने भी कहा है ---जो रहीम दीनहि लखै दीनबन्धु सम होय ..

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आओ कान्हा ..लिए तिरंगा हाथ

स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं गीत कहां छुपे तुम बैठ गए हो,हे गोकुल के नाथ। आन विराजो सबके उर में,लिए तिरंगा हाथ।। ग्वाल बाल के अंतस में दो,द...