गोविंद
भाद्र मास की अष्टमी, कृष्ण लिए अवतार।
अद्भुत लीला श्याम की, खुलते कारा द्वार।।
खुलते कारा द्वार, चले तात शिशु को लिए।
यमुना नीर अपार, शेषनाग छाया किए।।
रास रचैया गोकुल आए।
पालनहारे कष्ट मिटाए।।
बस ऐसे ही बैठे बैठे एक गीत विज्ञान पर रहना था कितना आसान ,पढ़े नहीं थे जब विज्ञान । दीवार धकेले दिन भर हम ,फिर भी करते सब बेगार। हुआ अँधे...
पालनहारे कष्ट मिटाए। वाह वाह
ReplyDelete