गोविंद
भाद्र मास की अष्टमी, कृष्ण लिए अवतार।
अद्भुत लीला श्याम की, खुलते कारा द्वार।।
खुलते कारा द्वार, चले तात शिशु को लिए।
यमुना नीर अपार, शेषनाग छाया किए।।
रास रचैया गोकुल आए।
पालनहारे कष्ट मिटाए।।
कोदंड धनुष विधि लेखा का नेक कार्य ले, रघुवर वन को आए थे मर्यादा ने मर्यादा रख, अद्भुत अस्त्र उठाए थे धन्य-धन्य वह बाँस युगों तक, जिससे कोदंड...
पालनहारे कष्ट मिटाए। वाह वाह
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