आए दिन प्रतिवर्ष जब,पाँच सितम्बर मास।
जन्म दिवस कृष्णन मने,रहे सभी के खास।।
रहे सभी के खास,पढ़े थे जीवन दर्शन।
मेधावी थे शिष्य,करे थे चिंतन मंथन।।
राष्ट्र प्रेम विख्यात,जगत में नाम कमाए।
हम सबका सौभाग्य,राष्ट्रपति शिक्षक आए।।
अनिता सुधीर
नवगीत छिना घरौंदा! ममता तड़पी आंतों में जब अग्नि जली फसल खड़ी इतराती थी जब आतंकी बरसात हुई खलिहानों की भूख बढ़ी थी और मनुज की मात हुई कुपित म...
बहुत सुन्दर 🌻❤️
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