Monday, July 31, 2023
उधम सिंह
Friday, July 28, 2023
मुक्तक
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अब हृदय की इस कलुषता को मिटाने के लिए।
प्रीति का नव गीत रच दो आज गाने के लिए।।
दौड़ने में वक़्त गुजरा,चाह अब विश्राम की
दो घड़ी का साथ हो सुख चैन पाने के लिए।।
अनिता सुधीर आख्या
Thursday, July 27, 2023
मातु शक्ति
Wednesday, July 26, 2023
विजय दिवस
दोहे
विजय दिवस की शुभकामनाएं
वीर सपूतों को करें,शत-शत बार प्रणाम ।
प्राणों के उत्सर्ग से, किया देश का नाम ।।
अद्भुत गाथा लिख गये ,ऊँचे पर्वत द्रास ।
कठिनाई से कब डरे, ले ली अंतिम साँस।।
जिनके वीर सपूत ये,धन्य मातु अरु तात।
नाम अमर इतिहास में,जब अरि को दी मात।।
ऋणी शहीदों के सभी, रक्षा का लें भार।
व्यर्थ नहीं बलिदान हो, लेते शपथ हजार ।।
वीरों के बलिदान से, नतमस्तक हैं आज।
उनके ही सम्मान में ,करें नया आगाज।।
अनिता सुधीर आख्या
Monday, July 24, 2023
जल जीवन
चित्र गूगल से
जल प्रबंधन
प्यासी मौतें डेरा डाले
पीड़ा नीर प्रबंधन की
सूरज छत पर चढ़ कर नाचे
जनजीवन कुढ़-कुढ़ मरता
ताप चढ़ा कर तरुवर सोचे
किस की करनी को भरता
ताल-नदी का वक्ष सूखता
आशा पय संवर्धन की।।
कानाफूसी करती सड़कें
चौराहे का नल सूखा
चूल्हा देखे खाली बर्तन
कच्चा चावल है भूखा
माँग रही है विधिवत रोटी
भूख बिलखती निर्धन की।।
बूँद टपकती नित ही तरसे
कैसे जीवन भर जाऊँ
नारे भाषण बाजी से अब
कैसे मन को बहलाऊँ
बाढ़ खड़ी हो दुखियारी बन
जन सोचे अवरोधन की।।
अनिता सुधीर
Sunday, July 23, 2023
एकाकीपन
नवगीत
एकाकीपन
घर पीछे बड़बेर
सुना बेरों से बतियाती।।
अलसायी सी रात
व्यथित हो चौखट पर बैठी
पोपल मुख निस्तेज
करे यादों में घुसपैठी
काँप उठी फिर श्वास
तभी बंधन को बहलाती।।
पतझड़ का आतिथ्य
कराता शूलों को पीड़ा
जीवन त्यागे राग
उदासे सुर भूले क्रीड़ा
ओसारे की खाट
व्यर्थ में ही शोर मचाती।।
दीवारों के हास्य
नयन क्रंदन के घेरे में
बौना हो अस्तित्व
फँसा जीवन के फेरे में
एकाकी की पीर
सदा भावों को सहलाती।।
अनिता सुधीर आख्या
लखनऊ
Saturday, July 22, 2023
दहेज निषेध
दहेज कानून -अनुचित लाभ
काल चले जब वक्र चाल में
बिना बिके दूल्हा डरता
सात वर्ष ने दाँव चला अब
घर की हँड़िया कहाँ बिके
धन की थैली प्रश्न पूछती
छल प्रपंच में कौन टिके
अदालतों से वधू पक्ष फिर
खेत दूसरों के चरता।।
चिंता लाड़ जताती सबसे
नाच रही घर के अँगना
सास ननद अब सहमी सोचें
बचा रहे चूड़ी कँगना
पुरुष घरों के छुपे खड़े हैं
उदर व्यंग्य से नित भरता।।
कोर्ट-कचहरी के नियमों को
घूँघट से दहेज पढ़ता
अपने दोष छिपाकर सारे
वर की पगड़ी पर मढ़ता
तारीखों में सबको फाँसे
तहस-नहस जीवन करता।।
अनिता सुधीर आख्या
Friday, July 21, 2023
प्रेम
Thursday, July 20, 2023
महंगाई
नवगीत
*महँगाई*
देख बढ़ी महँगाई
श्वास उधारी में फँसती
सपने महँगे होते
जब घर में आटा गीला
कैसे चने भुनाएँ
जब चूल्हा जलता सीला
भार झोपड़ी सहकर
फिर गड्ढों में जा धँसती।
देख बढ़ी महँगाई
श्वास उधारी में फँसती।।
थैले भर रुपयों में
मुट्ठी भर सब्जी आती
लाल टमाटर हुलसे
जब थाली सूखी खाती
पेट पीठ अब चिपके
दाने को भूख तरसती।
देख बढ़ी महँगाई
श्वास उधारी में फँसती।।
नया कलेवर पहने
नित छज्जे चढ़ती जाती
ताक धिना-धिन करके
नए-नए नृत्य दिखाती
बढ़ा जेब पर बोझा
दिल्ली निर्धन पर हँसती।
देख बढ़ी महँगाई
श्वास उधारी में फँसती।।
अनिता सुधीर आख्या
Wednesday, July 19, 2023
एकता
चित्र गूगल से साभार
कुंडलियां
सपना कुर्सी का लिए,चलें विपक्षी चाल।
बैठक में मतभेद रख,रँगते अपनी खाल।।
रँगते अपनी खाल,लिए भारत का ठेका।
पाने मोटा माल,दिखाते फिर से एका।।
देता विगत प्रमाण,कहाँ कब कोई अपना।
खिँचती है जब टाँग,टूटता प्यारा सपना।।
अनिता सुधीर आख्या
Monday, July 17, 2023
विपदा
Thursday, July 13, 2023
आधुनिकता
Saturday, July 8, 2023
बरसात
Friday, July 7, 2023
याचना
महिला दिवस
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं घुड़कियाँ घर के पुरुष की तर्क लड़ते गोष्ठियों में क्यों सदी रो कर गुजारी अब सभा चर्चा करे यह क्यों पुरु...
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राम नवमी की हार्दिक शुभकामनाएं दर्शन चिंतन राम का,हो जीवन आधार। आत्मसात कर मर्म को,मर्यादा ही सार।। बसी राम की उर में मूरत मन अम्बर कुछ ड...
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माँ का आत्ममंथन मंथन चिंतन माता करती, होम किया जीवन जिसने खाद लाड़ की अधिक पड़ी क्या या आँखों पर थी पट्टी पल निद्रा अभिशाप बनी है सोच जलाती उर...
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दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं एक दीप उम्मीद का,जले सदा दिन रात। मिले हौसला जीत का,यह अनुपम सौगात।। एक दीप संकल्प का,आज जलाएँ आप। तिमिर हृदय...