Friday, July 28, 2023

मुक्तक



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अब हृदय की इस कलुषता को मिटाने के लिए।

प्रीति का नव गीत रच दो आज गाने के लिए।।

दौड़ने में वक़्त गुजरा,चाह अब विश्राम की 

दो घड़ी का साथ हो सुख चैन पाने के लिए।।



अनिता सुधीर आख्या


4 comments:

  1. सुन्दर मुक्तक। साधुवाद

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  2. अत्यंत सुन्दर मुक्तक 💐👌💐

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