बोलबाला झूठ का ऐसा बढ़ा जो जा रहा।
सत्यता ने प्रश्न पूछे नित्य रो रो क्यों सहा।।
क्यों उदासी घेरती है प्रश्न ही ये क्यों खड़ा।
झूठ की क्या जीवनी है सत्य वर्षों से अड़ा।।
अनिता सुधीर आख्या
बोलबाला झूठ का ऐसा बढ़ा जो जा रहा। सत्यता ने प्रश्न पूछे नित्य रो रो क्यों सहा।। क्यों उदासी घेरती है प्रश्न ही ये क्यों खड़ा। झूठ की क्या ज...
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