स्पर्श / सिहरन
हाइकु
प्रथम स्पर्श
तन मे सिहरन
प्रेमानुभूति
नाजुक स्पर्श
नवजात बेटी का
हर्षित मन
हृदय स्पर्शी
बेटी भ्रूण कूड़े में
दुर्गा उत्सव
तन कम्पन
शीत लहर स्पर्श
लाचार वृद्ध
चीखों का स्पर्श
व्यथित होता मन
वेदना तन।।
सहकर सबके पाप को,पृथ्वी आज उदास। देती वह चेतावनी,पारा चढ़े पचास।। अपने हित को साधते,वक्ष धरा का चीर। पले बढ़े जिस गोद में,उसको देते पीर।। दू...
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