Friday, October 4, 2019


स्पर्श / सिहरन
हाइकु

प्रथम स्पर्श
तन मे सिहरन
प्रेमानुभूति

नाजुक स्पर्श
नवजात बेटी का
हर्षित मन

हृदय स्पर्शी
बेटी भ्रूण कूड़े में
दुर्गा उत्सव

तन कम्पन
शीत लहर स्पर्श
लाचार वृद्ध

चीखों का स्पर्श
व्यथित होता मन
वेदना तन।।


No comments:

Post a Comment

आओ कान्हा ..लिए तिरंगा हाथ

स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं गीत कहां छुपे तुम बैठ गए हो,हे गोकुल के नाथ। आन विराजो सबके उर में,लिए तिरंगा हाथ।। ग्वाल बाल के अंतस में दो,द...