#आंदोलन
#दोहा
मानव के अधिकार का,करें हनन जब लोग।
आंदोलन के अर्थ का,सार्थक हो उपयोग ।।
आंदोलन के नाम क्यों,करते लोग बवाल।
मूल लक्ष्य को भूल कर,बजा रहें हैं गाल।।
चिपको आंदोलन हुआ,चेती तब सरकार ।
लक्ष्य रहा पर्यावरण, तभी बचे कांतार।।
आंदोलन का मूल ये,समुचित रहे विकास।
भूलें मत कर्तव्य को,जन मानस की आस।।
भारत छोड़ो लक्ष्य था,आजादी संघर्ष।
आंदोलन जब हों सफल,मिले सभी को हर्ष।।
अनिता सुधीर आख्या
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" ( 2022...वक़्त ठहरता नहीं...) पर गुरुवार 28 जनवरी 2021 को साझा की गयी है.... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteजी आभार
Deleteबेहतरीन
ReplyDeleteजी आ0 हार्दिक आभार
Deleteसुन्दर और सामयिक दोहे।
ReplyDeleteजी आ0 हार्दिक आभार
Deleteजी सादर अभिवादन
ReplyDeleteवाह
ReplyDeleteबहुत सुंदर
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