Saturday, January 2, 2021
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विज्ञान
बस ऐसे ही बैठे बैठे एक गीत विज्ञान पर रहना था कितना आसान ,पढ़े नहीं थे जब विज्ञान । दीवार धकेले दिन भर हम ,फिर भी करते सब बेगार। हुआ अँधे...
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राम नवमी की हार्दिक शुभकामनाएं दर्शन चिंतन राम का,हो जीवन आधार। आत्मसात कर मर्म को,मर्यादा ही सार।। बसी राम की उर में मूरत मन अम्बर कुछ ड...
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शरद पूर्णिमा की बधाई सुख वैभव आरोग्य को,ले आते त्योहार। धर्म कर्म की श्रेष्ठता,पाए नित विस्तार।। शुभ तिथि अश्विन मास की,लाती शुभ...
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#SHRIRAMBHAJAN आज रामलला मंदिर के अक्षत पा कर अभिभूत हूँ गीत देख अयोध्या की शोभा को,दीप वर्तिका हर्षायी। नवल भोर की आस जगाकर,संस्कृति जग मे...
बहुत सुन्दर दोहे।
ReplyDeleteबधाई हो आपको।
हार्दिक आभार आ0
Deleteबहुत बहुत सुन्दर |
ReplyDeleteहार्दिक आभार आ0
Deleteजाते हुए वर्ष का यथार्थवादी चित्रण
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सृजन।
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