नवगीत
आज से train का संचालन आरम्भ हो रहा है ,जीवंतता का एक खूबसूरत एहसास है ,इसी को लिखने का प्रयास
***
सत्य सलोना सुंदर सरगम
आस लगाए शहनाई
पटरी पर छुक छुक करता जब
नव जीवन भागा दौड़ा
कालापानी के चंगुल से
अब इसने नाता तोड़ा
विस्मृत स्मृतियाँ कालखंड की
सुखद भावना हरषाई
सत्य सलोना सुंदर सरगम
आस लगाए शहनाई
रुका हुआ नदिया का पानी
सागर से मिलना चाहे
पथराई आँखो के किस्से
में खूब भरी है आहें
आस मिलन की प्रियजन से अब
उड़न खटोले पर आई
सत्य सलोना सुंदर सरगम
साज सजाती शहनाई
अनगिन पापड़ बेले सबने
मेघ सुखाते हैं आकर
एक सुनहरी धूप उतरती
खिलता सुख ऊर्जा पाकर
कोमल मादक मस्त महकती
कलियाँ अब ले अँगड़ाई
सत्य सलोना सुंदर सरगम
आस लगाए शहनाई।
अनिता सुधीर आख्या
आज से train का संचालन आरम्भ हो रहा है ,जीवंतता का एक खूबसूरत एहसास है ,इसी को लिखने का प्रयास
***
सत्य सलोना सुंदर सरगम
आस लगाए शहनाई
पटरी पर छुक छुक करता जब
नव जीवन भागा दौड़ा
कालापानी के चंगुल से
अब इसने नाता तोड़ा
विस्मृत स्मृतियाँ कालखंड की
सुखद भावना हरषाई
सत्य सलोना सुंदर सरगम
आस लगाए शहनाई
रुका हुआ नदिया का पानी
सागर से मिलना चाहे
पथराई आँखो के किस्से
में खूब भरी है आहें
आस मिलन की प्रियजन से अब
उड़न खटोले पर आई
सत्य सलोना सुंदर सरगम
साज सजाती शहनाई
अनगिन पापड़ बेले सबने
मेघ सुखाते हैं आकर
एक सुनहरी धूप उतरती
खिलता सुख ऊर्जा पाकर
कोमल मादक मस्त महकती
कलियाँ अब ले अँगड़ाई
सत्य सलोना सुंदर सरगम
आस लगाए शहनाई।
अनिता सुधीर आख्या
ReplyDeleteशहनाई तो कोरोना के खात्मे के साथ ही बजेगी
बहुत सुन्दर सामयिक नवगीत
जी
Deleteहार्दिक आभार
कोरोना के काल में
ReplyDeleteसामयिक और सुन्दर गीत।
मुझे आपकी रचना बहुत ही पसंद आई ,बहुत ही सुंदर लिखा है ,बधाई हो
ReplyDeleteजी आ0 हार्दिक आभार
Deleteबेहतरीन नवगीत
ReplyDeleteधन्यवाद सखी
Deleteकुछ अपनों से मिले कुछ बाकी हैं ,सुंदर एहसासों से भरा सृजन सादर नमन
ReplyDeleteजी हार्दिक आभार आपका
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत शब्दों का चयन और उन्हें एक माला में पिरोता गया है।
ReplyDeleteबहुत खूब, युहीं लिखते रहें।
💐💐💐
जी हार्दिक आभार
Deleteबेहतरीन गीत।
ReplyDeleteसादर
जी हार्दिक आभार
Deleteबहुत सुंदर सृजन आदरणीय दीदी.
ReplyDeleteधन्यवाद अनिता जी
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