पिरामिड
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१)
ये
थाली
है खाली
शिशु रोता
रोटी का टोटा
माँ भूख मिटाती
नभ चाँद दिखाती।
२)
ये
भूख
रसूख
तीक्ष्ण दुख
सुरसा मुख
है पतनोन्मुख!
इसे मिटा पा सुख।
3)
ये
स्तुत्य
कर्तव्य!
भूख मिटा
दुर्दिन हटा।
आचरण दिव्य
भविष्य होगा भव्य।
ReplyDeleteजय मां हाटेशवरी.......
आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की इस रचना का लिंक भी......
10/05/2020 रविवार को......
पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
शामिल किया गया है.....
आप भी इस हलचल में. .....
सादर आमंत्रित है......
अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
https://www.halchalwith5links.blogspot.com
धन्यवाद
जी आ0 हार्दिक आभार
Deleteबहुत ही सृजनात्मक काव्य । भाव के साथ प्रत्येक पंक्ति में शब्दों का आरोही क्रम ही इसे अद्वितीय बना रहा है ।
ReplyDeleteजी हार्दिक आभार आ0
Deleteसुन्दर
ReplyDeleteजी सादर प्रणाम
Deleteबहुत सुंदर!
ReplyDeleteजी हार्दिक आभार
Deleteसुन्दर
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत खूब
ReplyDeleteसुन्दर पंक्तियाँ
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