पुलवामा बरसी
पुलवामा की हृदय विदारक घटना के दो वर्ष बीतने पर वीर शहीदों को शत शत नमन
गीतिका
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घात लगाकर दे गए,आतंकी आघात।
आज बीतते वर्ष दो,हृदय व्यथित दिन रात।
ओढ़ तिरंगा सो गये ,पुलवामा के वीर
आँखे नम हैं याद में,द्रवित मातु अरु तात ।
आयी थी विपदा बड़ी,किया पाक को खाक
बदला रिपु से ले लिया,उसकी क्या औकात ।
वीर शहीदों का लहू ,कहता बारम्बार,
नाश करो अब शत्रु का,करता वो उत्पात ।
व्यर्थ न होगा साथियों,रहे अमर बलिदान,
वादा करते हम सभी ,अरि को देंगे मात ।
कोटि कोटि उनको नमन ,जिनके तुम हो लाल ,
अर्पित श्रद्धा सुमन ये ,नहीं सहें अब घात ।
परिभाषित कर प्रेम को,गाथा लिखी महान ,
प्रेम दिवस अब है अमर,वीर हुये विख्यात ।
अनिता सुधीर
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत सुन्दर।
ReplyDeleteपुलवामा के शहीदों को श्रद्धापूर्वक नमन।
जी आ0 सादर अभिवादन
ReplyDeleteदेश के अमर सपूतों को समर्पित आपकी इस शानदार रचना के लिए आपको हार्दिक बधाई..
ReplyDeleteसुन्दर भावपूर्ण व हृदयविदारक रचना।
ReplyDeleteबसंतोत्सव की हार्दिक शुभकामनाओं सहित बहुत-बहुत बधाई।
जी आ0 हार्दिक आभार आपको भी शुभकामनाएं
Deleteदेश पे कुर्बान होने वाले जवानों को मेरा सादर नमन ...
ReplyDeleteभावपूर्ण रचना ...
जी हार्दिक आभार
Deleteजयहिंद