मनहरण घनाक्षरी
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चंद्र मास की चाल में,तीन वर्ष के काल में,
मलिन दिन मध्य में ,मलमास जानिए ।।
वर्जित त्योहार हुए,मंद खरीदार हुए,
नियम ऐसे क्यों हुए ,शुभ पहचानिए।।
पूजा पाठ धर्म करें,दान श्रेष्ठ कर्म करें,
मास पुरुषोत्तम है,विष्णु को मनाइए ।।
चिंतन मनन करें,वेद का श्रवण करें,
पंचभूत शरीर को,तप में लगाइए।।
अनिता सुधीर आख्या
उपयोगी रचना।
ReplyDeleteजी हार्दिक आभार
Deleteसुन्दर कृति - - नमन सह।
ReplyDeleteजी आ0 हार्दिक आभार
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