हनुमान प्रकटोसव की शुभकामनाएं
चैत्र माह की पूर्णिमा,प्रकट हुए हनुमान ।
राम नाम उर में धरे ,करें राम का ध्यान।।
मारुति सुत हनुमान हैं,अनघ रुद्र अवतार।
रामदूत बजरंग जी ,करते बेड़ा पार ।।
जपे नाम हनुमान का , रोग दोष का नाश।
भवसागर से तार दें,अंतस भरें प्रकाश ।।
मूरत इनकी देख कर, दूर भागता काल।
दया करो मुझ दीन पर ,हे अँजनी के लाल ।।
भक्तों के दुख दूर हों, खड़े आपके द्वार।
प्रभु अपना आशीष दें, खुशियाँ भरें अपार।।
अनिता
बहुत बहुत सुंदर👌👌
ReplyDeleteजय श्री राम जय हनुमान🙏🙏
हार्दिक आभार आ0
DeleteBahut sundar,jai sri Ram jai hanuman ji 🙏
ReplyDeleteहार्दिक आभार आ0
Deleteसादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (17-4-22) को "कोटि-कोटि वन्दन तुम्हें, पवनपुत्र हनुमान" (चर्चा अंक 4403) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
बहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteहार्दिक आभार आ0
Deleteबहुत सुंदर। जय हनुमान
ReplyDelete👌
Deleteबहुत सुंदर।
ReplyDeleteहार्दिक आभार आ0
Deleteजय वीर हनुमान! भक्तिभाव में डूबी सुंदर और सरस रचना
ReplyDeleteहार्दिक आभार आ0
Deleteजय हनुमान🙏 उत्कृष्ट दोहावली
ReplyDeleteहार्दिक आभार आ0
Deleteमूरत इनकी देख कर, दूर भागता काल।
ReplyDeleteदया करो मुझ दीन पर ,हे अँजनी के लाल ।।
जय बजरंगबली हनुमान, सुन्दर आदरणीय
हार्दिक आभार आ0
Deleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteहार्दिक आभार आ0
Deleteवाह!बहुत ही सुंदर सृजन।
ReplyDeleteसादर