माता महागौरी
अष्टम तिथि की दिव्यता,पूज्य शिवा में ध्यान हो।
मातु महागौरी सदा,भक्तों का कल्याण हो।।
जन्म हिमावन के यहाँ, मातु पार्वती ने लिया।
शंकर हों पति रूप में,बाल काल से तप किया।।
श्वेत वर्ण है मातु का,उपमा श्वेतांबरधरा ।
चतुर्भजी दुखहारिणी,माँ का अब है आसरा ।।
पूजन गौरी का करे,शांति हृदय में व्याप्त हो।
करें पाप का नाश फिर,शक्ति अलौकिक प्राप्त हो।।
राहू की हैं स्वामिनी ,दूर करें इस दोष को।
मातु वृषारूढ़ा भरें,सभी भक्त के कोष को।।
अनिता
माँ की कृपा सब पर बनी रहे
ReplyDeleteअत्यंत उत्कृष्ट एवं प्रभावशाली छंद बद्ध स्तुति 💐💐💐💐💐🙏🏼🙏🏼🙏🏼
ReplyDeleteसादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (10-4-22) को "शुभ सुमंगल वितान दे..." (चर्चा अंक-4396) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteअत्यंत सुंदर स्तुति🙏🙏
ReplyDeleteमाँ महागौरी की सुन्दर स्तुति
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति।
ReplyDeleteसादर
बहुत सुंदर प्रस्तुति।
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