Friday, April 1, 2022

परीक्षा उत्सव

 परीक्षा

रूप घनाक्षरी


कितने ही प्रकार से जीवन परीक्षा लेता

जीत सदा होती कब,कभी मिलती है हार।


दुखी कभी होना नहीं, छोड़ दें अवसाद को

परीक्षा को पर्व मान, करें सदैव सत्कार।।


कर्म पथ हो अडिग, हर पल निडर हो

जो भी परिणाम आये, उसको ले अँकवार।


श्रेष्ठ अपना दीजिये धीरज वरण कर, 

सबके प्रश्न भिन्न हैं ,यही जीवन का सार।।


अनिता सुधीर

11 comments:

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  2. आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 03 अप्रैल 2022 को साझा की गयी है....
    पाँच लिंकों का आनन्द पर
    आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  3. बहुत सुंदर प्रस्तुति

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  4. सबके प्रश्न भिन्न हैं
    यही जीवन का सार

    ...तदनुसार उत्तर करो तैयार !
    पते की बात !

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  5. उत्तम संदेश

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