दोहावली
**
दीप जलाओ प्रेम का,लड़ना भीषण युद्ध ।
ऊर्जा का संचार हो ,अंतस होगा शुद्ध ।।
**
मानवता के दीप को,शत शत करें प्रणाम।
विकट काल में वीर ये,करते उत्तम काम ।।
**
अंतस की बाती बना,तेल समर्पण डाल ।
दीपक बन कर हम जलें,उत्तम होगा काल।।
**
दीप जला कर ज्ञान का,करें तमस का नाश।
ध्वजवाहक अब आप हो,फैले सत्य प्रकाश।।
***
विकट काल है विश्व में,भारत जगमग देश ।
जले दीप से दीप जो,बना नया परिवेश ।।
अनिता सुधीर
दीप जला कर ज्ञान का,करें तमस का नाश।
ReplyDeleteध्वजवाहक अब आप हो,फैले सत्य प्रकाश।।
उत्कृष्ट भावाभिव्यक्ति .
Jee bahut bahut shukriya
Deleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteजी शुक्रिया सखी
Deleteसार्थक दोहे
ReplyDeleteजी आ0 हार्दिक आभार
Delete