*प्रकृति को स्त्री मान कर रचना
**
प्रकृति और पुरुष के आध्यात्मिक मिलन की रात है
शिवरात्रि का पावन पर्व आया लिये बड़ी सौगात है ।
शिव प्रगट हुए रूप धरि अग्नि शिवलिंग
द्वादश स्थान प्रसिद्ध हुये द्वादश ज्योतिर्लिंग ।
न शिव का अंत है ,न शिव का आदि
ब्रह्मा विष्णु थाह पा न सके,शिव ऐसे अनादि
सृष्टि के रचयिता ये ,तीन लोक के स्वामी
कालों के महाकाल ये,बाबा औगढ़ अविरामी
जो सत्य , वो शिव ,जो शिव वो सुंदर
शिव होना सरल ,शिवत्व पाना कठिन।
पांच तत्व का संतुलन,शिवत्व का आधार
मस्तक पर चाँद विराजे ,गले साँपो का हार ।
संग गौरा पार्वती ,पर शिव वीतरागी
दो विरोधी शक्तियों का संतुलन बाबा वैरागी ।
विराजे संग पार्वती कैलाश पर,हाथ में त्रिशूल लिये
दैहिक ,दैविक भौतिक ताप ,शिव का त्रिशूल हरे ।
त्रिशूल प्रतीक तीन नाड़ियो की साधना का
साध इन्हें ध्येय प्राणिक ऊर्जा को पाना ।
गरल रस पान कर, सदाशिव नीलकंठ कहलाये
डमरू बजा कर शिव कल्याणकारी कहलाये ।
भक्तों के लिए शिव का हर रूप निराला है ,
चिता की राख को अपने तन पर डाला है
भस्म हुआ जीवन है ,नही बचा भस्म मे दुर्गुण
पवित्रता का सम्मान कर ,मृतात्मा से स्वयं को जोड़ा
प्रकृति और पुरुष के आध्यात्मिक मिलन की रात है
शिवरात्रि का पावन पर्व आया लिये बड़ी सौगात है ।
स्वरचित
अनिता सुधीर
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प्रकृति और पुरुष के आध्यात्मिक मिलन की रात है
शिवरात्रि का पावन पर्व आया लिये बड़ी सौगात है ।
शिव प्रगट हुए रूप धरि अग्नि शिवलिंग
द्वादश स्थान प्रसिद्ध हुये द्वादश ज्योतिर्लिंग ।
न शिव का अंत है ,न शिव का आदि
ब्रह्मा विष्णु थाह पा न सके,शिव ऐसे अनादि
सृष्टि के रचयिता ये ,तीन लोक के स्वामी
कालों के महाकाल ये,बाबा औगढ़ अविरामी
जो सत्य , वो शिव ,जो शिव वो सुंदर
शिव होना सरल ,शिवत्व पाना कठिन।
पांच तत्व का संतुलन,शिवत्व का आधार
मस्तक पर चाँद विराजे ,गले साँपो का हार ।
संग गौरा पार्वती ,पर शिव वीतरागी
दो विरोधी शक्तियों का संतुलन बाबा वैरागी ।
विराजे संग पार्वती कैलाश पर,हाथ में त्रिशूल लिये
दैहिक ,दैविक भौतिक ताप ,शिव का त्रिशूल हरे ।
त्रिशूल प्रतीक तीन नाड़ियो की साधना का
साध इन्हें ध्येय प्राणिक ऊर्जा को पाना ।
गरल रस पान कर, सदाशिव नीलकंठ कहलाये
डमरू बजा कर शिव कल्याणकारी कहलाये ।
भक्तों के लिए शिव का हर रूप निराला है ,
चिता की राख को अपने तन पर डाला है
भस्म हुआ जीवन है ,नही बचा भस्म मे दुर्गुण
पवित्रता का सम्मान कर ,मृतात्मा से स्वयं को जोड़ा
प्रकृति और पुरुष के आध्यात्मिक मिलन की रात है
शिवरात्रि का पावन पर्व आया लिये बड़ी सौगात है ।
स्वरचित
अनिता सुधीर
प्रकृति और पुरुष के आध्यात्मिक मिलन की रात है
ReplyDeleteशिवरात्रि का पावन पर्व आया लिये बड़ी सौगात है
अति सुंदर ,महाशिवरात्रि की हार्दिक बधाई आपको
जी हार्दिक आभार
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