वन्देमातरम
रक्त दौड़े बाजुओं में
राष्ट्र का शुभ गीत गाकर
देश का इतिहास रचते
शौर्य में आनंद पाकर
भाव जागें देशहित में
गीत वंदेमातरम से
वंदना के श्लोक कहते
कर्म करिये फिर धरम से
ज्ञान दो माँ भारती अब
नींद से हमको उठाकर।।
कंठ गाते जोश को जब
नित नया बलिदान लिखते
प्राण फूँके पीढ़ियों ने
भारती गुणगान लिखते
यज्ञ की वेदी जली है
भूमि रज माथे चढ़ाकर।।
शस्य श्यामल हो धरा ये
स्वप्न पलते कोटि दृग में
फिर अमरता चाहती है
लक्ष्य लिखना सत्य पग में
सूर्य शशि वंदन करें फिर
मंत्र सुफलां का सुनाकर।।
अनिता सुधीर आख्या
आहा , कितना सुन्दर गीत ... वन्देमातरम .
ReplyDeleteपढ़ते पढ़ते ही जोश भर गया ... अतिसुन्दर .
जी हार्दिक आभार
Deleteबहुत बहुत सुन्दर मधुर गीत । शुभ कामनाएं ।
ReplyDeleteसुन्दर गीत रचना।
ReplyDeleteवन्देमातरम्।