शिवरात्रि
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फाग कृष्ण चौदस मने,महापर्व शिवरात्रि।
शक्ति मिलन अध्यात्म से,महापर्व शिवरात्रि।।
शिव गौरा के ब्याह का,आया शुभ दिन आज
मंदिर मंदिर सज गए ,महापर्व शिवरात्रि ।।
चाँद विराजे शीश पर,गले सांप का हार
नीलकंठ को पूजते,महापर्व शिवरात्रि।।
दैहिक भौतिक ताप को,भोले करते नाश
बिल्वपत्र अक्षत चढ़े ,महापर्व शिवरात्रि।।
पंच तत्व का संतुलन,है शिवत्व आधार ,
वैरागी को साधिए ,महापर्व शिवरात्रि।।
आदि अंत अज्ञात है,अविरामी शिव नाथ।
कैलाशी उर में बसे ,महापर्व शिवरात्रि।।
भस्म चिता की गात पर,औगढ़ भोलेनाथ
रूप निराला पूजिये ,महापर्व शिवरात्रि ।।
अनिता सुधीर "आख्या"
बहुत सुन्दर दोहे।
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महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ।
जी हार्दिक आभार
Deleteअहा , सुन्दर भाव .
ReplyDeleteजी हार्दिक आभार
Deleteबहुत बहुत सुन्दर
ReplyDeleteजी हार्दिक आभार
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