मैं वोट हूँ, मैं वोट हूँ
नीयत में जिसके खोट ,
उसे देता बड़ी चोट हूँ
मैं वोट हूँ ,मैं वोट हूँ ।
ये मेरी है कथा ,पर
आजकल बड़ी व्यथा
जाति धर्म में बाँट के
प्रलोभनों की मार से
आरक्षण के धार से
आरोपों के वार से
अनर्गल प्रचार से
कर्जमाफी के शगूफे से
कोरोना के आंकड़े से
प्रमाण माँगने से
शवों की गिनती से
जब मुझे गिना जाने लगा
तो मैं काँपने लगा हूँ
मैं हाँफने लगा हूँ ।
अस्तित्व होते हुए भी
शून्यता में खोने लगा हूँ
मैं वोट हूँ ,मैं वोट हूँ ।
लोकतंत्र का हथियार हूँ
मतदाता का अधिकार हूँ
नेताओं के गले की फाँस हूँ
ई वी एम का त्रास हूँ
मतदाता पत्र का अतीत हूँ
नोटा का वर्तमान हूँ
मैं वोट हूँ ,मैं वोट हूँ ।
नोटा अब बढ़ रहा है
नेताओं,जरा संभल जाना
अब मेरी शक्ति बढ़ने लगी है
जनता को बेवकूफ न बना पाओगे
अब अपने मुँह की खाओगे
राष्ट्रहित में काम करोगे
तभी मुझे तुम पाओगे।
मतदाताओं तुमसे कुछ कहना है
अब चुपचाप नहीं सहना है
तुम जागरूक हो जाओ
नेताओं के बहकावे में न आओ
मेरा उपयोग करो
मतदान करो ,मतदान करो,
मेरी शक्ति पहचानो
मैं लोकतंत्र की शक्ति हूँ
मैं वोट हूँ ,मैं वोट हूँ ।
©anita_sudhir
इस तूती की आवाज को लाउडस्पीकर बनना ही होगा
ReplyDeleteहार्दिक आभार
Deleteवोट की महत्ता। सटीक
ReplyDelete💐
Deleteबहुत सुन्दर रचना
ReplyDeleteहार्दिक आभार आ0
Deleteलोकतंत्र को आइना दिखाती सटीक रचना
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