Wednesday, January 26, 2022

गणतंत्र दिवस


 मातृभूमि अभिमान है,अमर तिरंगा शान।

जयभारत जयहिंद का,सब मिल करिये गान।।


स्वर्ण मुकुट हिमगिरि सजे,सागर पैर पखार।

मानचित्र अभिमान को,व्याघ्र सरिस व्यवहार।

संविधान इस देश का ,देता सम अधिकार ।

देश एक, ध्वज एक हो,मौलिकता हो सार ।।

संस्कृति उत्तम देश की,इस पर हैअभिमान।।

जयभारत जयहिंद का,सब मिल करिये गान।


सर्व धर्म सद्भाव हो ,करिये यही विचार।

भारत के निर्माण में ,रहे एकता सार ।।

मातृभूमि रज भाल पर ,वंदन बारम्बार,

लिये तिरंगा हाथ में,करते जय जयकार।

अनेकता में एकता ,भारत की पहचान।

जयभारत जयहिंद का,सब मिल करिये गान।।


श्वेत शांति अरु केसरी,रूप लिये बलिदान।

रंग हरा संपन्नता,भारत माँ पहचान ।।

खादी वस्त्र विचार है,रखिये इसका मान ।

देशी को अपनाइये,बदले हिंदुस्तान

स्वच्छता अभियान हो, जन जन का अभियान।

जयभारत जयहिंद का,सब मिल करिये गान।।।


देशप्रेम कर्तव्य हो ,देशभक्ति ही नेह।

पंचतत्व में लीन हों,ओढ़ तिरंगा देह।

अपने हित को साधिये,सदा देश उपरांत ।

देशप्रेम अनमोल है ,अडिग रहे सिद्धान्त।

माटी मेरे देश की,है मेरा अभिमान।।

जयभारत जयहिंद का,सब मिल करिये गान।।


अनिता सुधीर आख्या


9 comments:

  1. जय हिंद जय भारत 🇮🇳🙏🏼💐💐
    देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत उत्कृष्ट दोहावली 💐💐💐🙏🏼

    ReplyDelete
  2. देश भक्ति की भावना से ओत प्रोत बहुत सुंदर कविता।।👏👏

    ReplyDelete
  3. जयहिंद
    देश प्रेम अनमोल है अनमोल भाव विचार युक्त सुंदर रचना

    ReplyDelete
  4. देश-भक्ति से ओत-प्रोत दोहागीत🙏🙏 जय हिंद🇮🇳🙏🙏

    ReplyDelete
  5. भारत माता की जय हो।देश भक्ति से ओतप्रोत।।

    ReplyDelete
  6. अत्यंत सुंदर रचना मैम, 👏🏻😊🙏🙏❤️

    ReplyDelete
  7. वंदे मातरम्।

    ReplyDelete

विज्ञान

बस ऐसे ही बैठे बैठे   एक  गीत  विज्ञान पर रहना था कितना आसान ,पढ़े नहीं थे जब विज्ञान । दीवार धकेले दिन भर हम ,फिर भी करते सब बेगार। हुआ अँधे...