Sunday, November 24, 2019

 विलोम शब्द का प्रयोग कर
सरसी छन्द में रचना...


*सुख *दुख तो आना जाना है,मन क्यों करें उदास।
*पतझड़ बाद *बहारें आतीं  ,करें हास परिहास ।।

डोर *आस की थामे रहिये,होते नहीं *निरास।
दीप जले घर घर *खुशियों के,*गम में नहीं उदास ।।

*नीच *ऊंच अंतर मिट जाये ,ऐसा करें प्रयास ।
रहे नहीं *गरीबी *अमीरी , हो चहुँ ओर उजास ।।

*सतकर्मों की गठरी बांधो,*दुष्कर्मों से त्रास ।
परम सत्य है *जीना *मरना,रखिये मन में आस।।

3 comments:

  1. जी सादर धन्यवाद

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  2. वाह ... बहुत ही सुन्दर छंद ... सहज बात रखते हुए ...

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  3. जी सादर अभिवादन

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मैं संसद हूँ... "सत्यमेव जयते" धारण कर,लोकतंत्र की पूजाघर मैं.. संविधान की रक्षा करती,उन्नत भारत की दिनकर मैं.. ईंटो की मात्र इमार...