रूह पर जमी बर्फ पिघला देती है..
तुम्हारे हाथों की वो प्यार भरी थपथपाहट
सारे गिले शिकवे मिटा देती है..
शायद ये जानते हो तुम
जानते हो न तुम..
फिर क्यों समेटे रहते हो अपने गर्म हाथ तुम..
कुंडलिया दिवस की बधाई ईश्वर अंतर्यामी ईश में,निहित अखिल ब्रह्मांड। निराकार के रूप में,अद्भुत अर्थ प्रकांड ।। अद्भुत अर्थ प्रकांड,जगत के नीत...
बहुत भावपूर्ण एवं हृदयस्पर्शी 💐💐
ReplyDeleteऐसी बात कही जो दिल को छू गई।
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