सत्य
सत्य लिखना कटु ही होता है ,
झूठ चासनी में पगा होता है।
एक कटु सत्य सामने आ खड़ा हो जाता
सोच सोच कर जीना दुश्वार किया करता है ।
मंगल तक हम पहुँचे एक ही प्रयास में
चाँद तक पहुंचने की आस में
ऊँचा भारत का नाम है ,
देश के वैज्ञानिकों को सलाम है।
पर कटु सत्य पर नजर डालिए
सरकार और वैज्ञानिक इस ओर भी कदम बढ़ाइए।
सेप्टिक टैंक और गटर में
सफाई कर्मचारियों के क्यों जाते प्राण है।
आपने कभी सोचा या बनते अनजान हैं।
उपकरण ,प्रौद्योगिकी विकसित हो रही
लाखों किलोमीटर दूर हमारा नियंत्रण है
इन के लिए सुरक्षा के क्या उपकरण है ?
सामान्य स्थितियों में
कोई गटर में उतर नहीं सकता
बिना नशा किये कोई
इसे स्वच्छ कर नहीँ सकता ।
जहरीली गैसों का रिसाव
और दम घुटने से मृत्यु
इनकी कोई खबर नहीं आती
इनकी मौत टी आर पी नहीँ बढ़ाती
वोटबैंक भी बेअसर रहता
एक दो दिन बाद लाश की तरह
मामला भी ठंडा हो जाता ।
मास्क ,जैकेट ग्लव्स हैं
तो क्या इनका अकाल है
या इसमें भी फैला भ्रस्टाचार है।
प्रौद्योगिकी और विकास के विरोधी नहीं
ये कटु सत्य सदैव प्रश्रचिन्ह बन खड़ा रहता है ।
©anita_sudhir
सत्य
ReplyDeleteसत्य लिखना कटु ही होता है ,
झूठ चासनी में पगा होता है।
अति सुंदर आलेख । बहुत-बहुत शुभकामनाएँ आदरणीया ।
आपकी प्रतिक्रिया के लिये सादर अभिवादन
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