रोला छन्द
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रहें घरों में कैद ,दवा ये उत्तम जानें ।
संकट में है राष्ट्र ,बात मुखिया की मानें।
बनें जागरूक आप ,नहीं अब विचलित होना ।
करें योग अरु ध्यान ,हराना अब कोरोना ।
सामाजिक अभियान ,निभाओ जिम्मेदारी ।
उत्तम करो विचार ,छिपाओ मत बीमारी ।
योद्धा हैं सब आज,सजग प्रहरी अब बनिये।
कोरोना का नाश,सभी मिल जुल कर करिये ।
मचता हाहाकार,काल आपात लगाया।
कोरोना का वार,बंद बाजार कराया ।
भरो नहीं भंडार ,नागरिक उत्तम बनना ।
संकट में सब साथ ,मनन ये सबको करना।
नहीं प्राण का मोह ,लगे परहित में रहते ।
नमन उन्हें सौ बार,कष्ट वो कितने सहते ।
प्रकट करें आभार ,बजायें मिल कर ताली।
भाव एकता सार ,बताती बजती थाली ।
शिक्षाप्रद सुंदर सृजन ,सादर नमन
ReplyDeleteजी हार्दिक आभार
Deleteसादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (24 -3-2020 ) को " तब तुम लापरवाह नहीं थे " (चर्चा अंक -3650) पर भी होगी,
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
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कामिनी सिन्हा
जी सादर अभिवादन
Deleteप्रासंगिक विषय पर प्रभावशाली छंद के माध्यम से सुंदर संदेश देते छंद आदरणीया दीदी
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