Monday, March 2, 2020

तारे

तांका
5,7, 5,7,7
सितारे /तारे
**
1)
सितारे  भरी
झिलमिल चूनर
ओढ़े अम्बर!
चाँद सा प्रियवर,
लालिमा मुख पर ।
2)
काले बादल
तारों की टिमटिम
दुःख अस्थाई !
मेघों की रिमझिम ,
पल होंगे स्वर्णिम ।


अनिता सुधीर

6 comments:

  1. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार(18-02-2020 ) को " करना मत कुहराम " (चर्चाअंक -3629) पर भी होगी

    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये। आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    ---
    कामिनी सिन्हा

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  2. बहुत सुंदर!
    ताँका विधा पर शानदार सृजन।

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  3. पिय अनिता जी , मैं तांका , हाइकू इत्यादि से अनभिज्ञ जैसी हूँ पर थोड़े शब्दों में भाव भरने का ये कौतुक मुझे बहुत अच्छा लगता है | आपने बहुत सुंदर शब्द चित्र प्रस्तुत किये हैं तांका के माध्यम से | हार्दिक शुभकामनाएं आपके लिए |

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    Replies
    1. रेणु जी आपका हार्दिक आभार

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