हाइकु
पथिक
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पथिक मन
कल्पनाओं का रथ
नव सृजन ।
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निशा डगर
चाँद तारे पथिक
भोर पड़ाव।
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तन पथिक
जीवन अग्नि पथ
मृत्यु मंजिल ।
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सच्चाई पथ
बाधाएं झंझावात
बढ़ो पथिक ।
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कुंडलियां गिरगिट को भी मात दे,नेताओं के रंग। चकित भ्रमित जनता खड़ी,देख चुनावी जंग।। देख चुनावी जंग,झूठ का लगता मेला । सुन कर कड़...
वाह! बढ़िया हाईकू है।
ReplyDeleteJee shukriya
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