Tuesday, December 31, 2019




नव वर्ष का  प्रारंभ
गणेश वंदना के साथ

आधार चामर छन्द  23 मात्रा,15 वर्ण
गुरू लघु×7+गुरू
**
रिद्धि सिद्धि साथ ले,गणेश जी पधारिये,
ग्रंथ हाथ में धरे ,विधान को विचारिये।
देव हो विराजमान ,आसनी बिछी हुई,
थाल है सजा हुआ कि भोग तो लगाइये।

प्रार्थना कृपा निधान, कष्ट का निदान हो,
भक्ति भाव हो भरा कि ज्ञान ही प्रधान हो ।
मूल तत्व हो यही समाज में समानता,
हे दयानिधे! दया ,सुकर्म का बखान हो ।

ज्ञान दीजिये प्रभू अहं न शेष हो हिये
त्याग प्रेम रूप रत्न कर्म में भरा  रहे।
नाम आपका सदा विवेक से जपा करें,
आपका कृपालु हस्त शीश पे सदा रहे।


अनिता सुधीर

4 comments:

  1. वाह बेहतरीन । बहुत सुंदर वंदना।
    आपका कृपालु हस्त शीश पे सदा रहे।
    नववर्ष की अनंत शुभकामनाएँ प्रिय सखी।

    ReplyDelete
    Replies
    1. आप को भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं

      Delete

महिला दिवस

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं घुड़कियाँ घर के पुरुष की तर्क लड़ते गोष्ठियों में क्यों सदी रो कर गुजारी अब सभा चर्चा करे यह क्यों पुरु...