Wednesday, November 10, 2021

छठ


 चित्र गूगल से साभार


दो0

करें सूर्य आराधना, आया छठ का पर्व।

समरसता के भाव में, करे विरासत गर्व।।


चौपाई

कार्तिक मास सदा उर भाए।

      त्योहारों में मन हर्षाए।। 

शुक्ल पक्ष की षष्ठी आई।

       महापर्व की खुशियाँ छाई।। 

सूर्य उपासन आराधन का।

      पर्व रहा संस्कृति गायन का।। 

छिति जल पावक गगन समीरा। 

         पंच तत्व को पूज अधीरा।।

जुड़े धरा से सबको रहना। 

       यही पर्व छठ का है कहना।। 

सूप लिए जब चले सुहागन।

         प्रकृति समूची लगे लुभावन।। 

ईखों से जब छत्र सजे हैं। 

        अंतर्मन के दीप जले हैं।।

सूरज डूबा जब जाएगा।

          नवल भोर ले फिर आएगा।।

अर्थ निकलता त्योहारों से।

           जुड़े रहे सब परिवारों से।।

दो0

परंपरा की नींव में,जीवन का है सार।

गूढ़ अर्थ समझे सभी,मना रहे त्योहार।।


अनिता सुधीर आख्या






29 comments:

  1. हमारी परंपराएं हमारे त्यौहार सचमुच अद्भुत है और हर्ष की बात है कि आज ये देश विदेश सब जगह मनाए जाते है।

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  2. सटीक एवं सुंदर सृजन 👏👏👏💐💐💐

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    1. सादर धन्यवाद सरोज जी

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  3. अद्भुत अतुल्य छंद बद्ध सृजन 💐💐🙏🏼🙏🏼

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    1. हार्दिक आभार दीप्ति जी

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  4. So beautifully written!our festivals are our lifeline!

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  5. आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" गुरुवार 11 नवम्बर 2021 को साझा की गयी है....
    पाँच लिंकों का आनन्द पर
    आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  6. जय छठी मइया।

    बहुत सुंदर सृजन। हार्दिक बधाई।

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  7. छठ पर्व की सुंदर छटा बिखेरती उत्कृष्ट रचना । बहुत बहुत बधाई 💐💐

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  8. छठ पूजा की महिमा को बखान करता सुंदर सृजन

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  9. बहुत सुन्‍दर सामयिक रचना

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  10. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार(१२-११-२०२१) को
    'झुकती पृथ्वी'(चर्चा अंक-४२४६)
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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  11. अत्यंत सुंदर चौपाई एवं दोहे🙏🙏👏👏अद्भुत

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  12. हमारे यहां छठ उत्सव तो नही मनाया जाता लेकिन रचना पढ़कर उत्सव के अहसास से मन जरूर प्रफुल्लित हो गया 🙏

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    1. आ0 रचना सार्थक हो गयी

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  13. सुन्दर दोहे और चौपाइयों में छठ पर्व की महिमा
    वाह!!!
    लाजवाब सृजन।

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  14. बहुत ही सुन्दर रचना

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