जनजातीय गौरव दिवस
आदिवासी मुंडा
क्रांति का करते आगाज।
आस वनरक्षक की
अंत हो रानी का राज।।
एक आदिवासी नायक ने,आजादी की थाम मशाल।
क्रांतिवीर बिरसा मुंडा ने,उलगुलान से किया कमाल।।
धरती आबा नाम मिला है,देव समझकर पूजें आज।
कलम धन्य है लिखकर गाथा,लाभान्वित है पूर्ण समाज।।
शौर्य वीर योद्धा थे मुंडा,जल जंगल के पहरेदार।
उलगुलान में जीवित अब भी,माँग रहे अपने अधिकार।।
सबके हित की लड़ी लड़ाई,नहीं दिया था भूमि लगान।
एक समाज सुधारक बन के, कार्य किए थे कई महान।।
विष देकर गोरों ने मारा,छीन सके क्या क्रांति विचार।
परिवर्तन की आंधी लेकर,जन्मों फिर से हर घर द्वार।।
अनिता सुधीर आख्या
अति सुंदर एवं सटीक व्यक्तित्व विश्लेषण 💐💐🙏🏼
ReplyDeleteहार्दिक आभार आ0
Deleteसटीक और सुंदर चित्रण
ReplyDeleteहार्दिक आभार आ0
Deleteसुंदर
ReplyDeleteAti sundar
ReplyDeleteहार्दिक आभार आ0
Deleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteसादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार
(16-11-21) को " बिरसा मुंडा" (चर्चा - 4250) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है..आप की उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी .
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कामिनी सिन्हा
हार्दिक आभार आ0
Deleteअद्भुत चित्रण, नमन🙏
ReplyDeleteहार्दिक आभार आ0
Deleteमहान बलिदानी को दी गई आपकी यह काव्यमय श्रद्धांजलि निश्चय ही सराहनीय है। अभिनंदन।
ReplyDeleteहार्दिक आभार आ0
ReplyDeleteसुंदर विश्लेषण।
ReplyDeleteजी आभ्गर
Deleteबहुत सुंदर🌻♥️
ReplyDeleteबेहतरीन रचना 👌
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