Monday, November 15, 2021

बिरसा मुंडा


 जनजातीय गौरव दिवस

आदिवासी मुंडा
क्रांति का करते आगाज।
आस वनरक्षक की
अंत हो रानी का राज।। 


एक आदिवासी नायक ने,आजादी की थाम मशाल। 
क्रांतिवीर बिरसा मुंडा ने,उलगुलान से किया कमाल।।

धरती आबा नाम मिला है,देव समझकर पूजें आज।
कलम धन्य है लिखकर गाथा,लाभान्वित है पूर्ण समाज।।

शौर्य वीर योद्धा थे मुंडा,जल जंगल के पहरेदार।
उलगुलान में जीवित अब भी,माँग रहे अपने अधिकार।। 

सबके हित की लड़ी लड़ाई,नहीं दिया था भूमि लगान। 
एक समाज सुधारक बन के, कार्य किए थे कई महान।। 

विष देकर गोरों ने मारा,छीन सके क्या क्रांति विचार।
परिवर्तन की आंधी लेकर,जन्मों फिर से हर घर द्वार।। 

अनिता सुधीर आख्या


18 comments:

  1. अति सुंदर एवं सटीक व्यक्तित्व विश्लेषण 💐💐🙏🏼

    ReplyDelete
  2. सटीक और सुंदर चित्रण

    ReplyDelete
  3. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार
    (16-11-21) को " बिरसा मुंडा" (चर्चा - 4250) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है..आप की उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी .
    --
    कामिनी सिन्हा

    ReplyDelete
  4. अद्भुत चित्रण, नमन🙏

    ReplyDelete
  5. महान बलिदानी को दी गई आपकी यह काव्यमय श्रद्धांजलि निश्चय ही सराहनीय है। अभिनंदन।

    ReplyDelete
  6. हार्दिक आभार आ0

    ReplyDelete
  7. सुंदर विश्लेषण।

    ReplyDelete
  8. बेहतरीन रचना 👌

    ReplyDelete

विज्ञान

बस ऐसे ही बैठे बैठे   एक  गीत  विज्ञान पर रहना था कितना आसान ,पढ़े नहीं थे जब विज्ञान । दीवार धकेले दिन भर हम ,फिर भी करते सब बेगार। हुआ अँधे...