दोहा
प्रबोधिनी एकादशी,आए कार्तिक मास।
कार्य मांगलिक हो रहे,छाए मन उल्लास।।
चौपाई
शुक्ल पक्ष एकादश जानें।
कार्तिक शुभ फलदायक मानें।।
चार मास की लेकर निद्रा।
विष्णु देव की टूटी तंद्रा।।
श्लोक मंत्र से देव जगाएँ ।
प्रभु चरणों में शीश झुकाएँ।।
तुलसी परिणय अति पावन है।
मंत्र दशाक्षर मनभावन है।।
भाव सुमन को उर में भरिये ।
विधि विधान से पूजन करिये।।
दीप धूप कर्पूर जलाएं।
माधव को प्रिय भोग लगाएं।।
व्रत निर्जल जब सब जन रखते।
दीन दुखी के प्रभु दुख हरते ।।
महिमा व्रत की है अति न्यारी।
पुण्य प्रतापी सब नर नारी।।
दोहा
पाप मुक्त जीवन हुआ,हुआ शुद्ध आचार।
आराधन पूजन करे,खुले मोक्ष के द्वार।।
अनिता सुधीर
बहुत सुंदर भावपूर्ण सृजन, आपको भी शुभकामनाएँ 🙏🙏🙏💐💐
ReplyDeleteधन्यवाद सरोज जी
DeletePawan parv ki shubhkamnaye sabhi mitron ko
ReplyDeleteधन्यवाद उषा
Deleteउत्कृष्ट चौपाई छंद एवं दोहे🙏🙏👏👏बहुत शुभकामनाएं
ReplyDeleteधन्यवाद गुंजित
Deleteअत्यंत उत्कृष्ट एवं सार्थक छंद सृजन 🙏🏼💐
ReplyDeleteधन्यवाद दीप्ति जी
Deleteबहुत सुंदर 🙏🙏
ReplyDeleteजी धन्यवाद
ReplyDeleteअतिसुन्दर।
ReplyDeleteजी आभार
ReplyDeleteसुंदर सृजन 🙏
ReplyDeleteजी सादर अभिवादन
Deleteएकादशी की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।
ReplyDeleteसुंदर रचना।
अति सुन्दर
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteअति मनभावन रचना
ReplyDeleteहार्दिक आभार आ0
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