https://youtu.be/xW7zWeAleUIhttps://youtu.be/xW7zWeAleUI
Saturday, November 20, 2021
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होलिका दहन
होलिका दहन आज के प्रह्लाद तरसे होलिका की रीत अनुपम। कार्य में अब व्यस्त होकर ढूँढते सब अतीत` अनुपम। पूर्णिमा की फागुनी को है प्रतीक्षा बालिय...
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उल्लाला छन्द आधारित गीतिका समान्त 'आत' पदांत 'में' ** हँसे खेत खलिहान सब,इस मौसम बरसात में। पाकर प्रेम फु...
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चित्र गूगल से साभार कुंडलियां सपना कुर्सी का लिए,चलें विपक्षी चाल। बैठक में मतभेद रख,रँगते अपनी खाल।। रँगते अपनी खाल,लिए भारत का ठेका। पाने...
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#SHRIRAMBHAJAN आज रामलला मंदिर के अक्षत पा कर अभिभूत हूँ गीत देख अयोध्या की शोभा को,दीप वर्तिका हर्षायी। नवल भोर की आस जगाकर,संस्कृति जग मे...
बहुत ही उम्दा रचना
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