Tuesday, November 30, 2021

दोहे

चिंगारी अफवाह की,झूठ पसारे पाँव।
उठता रहता है धुँआ,सत्य माँगता ठाँव।।

जले ज्योति संकल्प की, सतत मनोबल साध।
खड़ी सफलता द्वार पर, लेकर हर्ष अगाध।।

झूठ लबादा ओढ़ के,चकाचोंध में मस्त।
विज्ञापन बाजार में,मानव जीवन त्रस्त।।

नेता बाँटें रेवड़ी, नाम दिए अनुदान।
पासा फेंकें लोभ का,राजनीति विज्ञान।।

सरकारी अनुदान का,करिए उचित प्रयोग।
जनता का धन है लगा, भूल रहे यह लोग।।

अनिता सुधीर

23 comments:

  1. जनता का धन है लगा, भूल रहे यह लोग🙏 एकदम सटीक दोहे🙏

    ReplyDelete
  2. बहुत सुंदर 👏👏👏💐💐💐

    ReplyDelete
  3. सुंदर और सार्थक दोहे।

    ReplyDelete
  4. अत्यंत उत्कृष्ट एवं सटीक दोहावली 💐💐🙏🏼

    ReplyDelete
    Replies
    1. हार्दिक आभार दीप्ति जी

      Delete
  5. हार्दिक आभार आ0

    ReplyDelete
  6. जी हार्दिक आभार

    ReplyDelete
  7. आपकी काव्य-यात्रा अद्भुत है क्योंकि यह वैविध्यपूर्ण है। आपकी काव्य-सरिता उत्कृष्टता के पृथक्-पृथक् कूलों को स्पर्श करते हुए अग्रसर हो रही है, यह अपने आप में ही एक अति-प्रशंसनीय तथ्य है। और इन दोहों पर तो क्या कहूं? सब एक से बढ़कर एक हैं।

    ReplyDelete
    Replies
    1. आ0 आपके स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार

      Delete
  8. जले ज्योति संकल्प की, सतत मनोबल साध।
    खड़ी सफलता द्वार पर, लेकर हर्ष अगाध।।---गहन रचना

    ReplyDelete
  9. वाह!सखी लाज़वाब।
    सादर

    ReplyDelete
  10. वर्तमान समाज की सच्चाई

    ReplyDelete
  11. चिंगारी अफवाह की,झूठ पसारे पाँव।
    उठता रहता है धुँआ,सत्य माँगता ठाँव।
    बहुत ही शानदार प्रस्तुति

    ReplyDelete
  12. हार्दिक आभार आ0

    ReplyDelete
  13. आज की सच्चाई पर सटीक सृजन।
    बहुत बहुत सुंदर सखी।

    ReplyDelete

विज्ञान

बस ऐसे ही बैठे बैठे   एक  गीत  विज्ञान पर रहना था कितना आसान ,पढ़े नहीं थे जब विज्ञान । दीवार धकेले दिन भर हम ,फिर भी करते सब बेगार। हुआ अँधे...