शत शत नमन
पच्चीस दिसंबर याद रहे,देवदूत जन्मा था एक।
लोक हितैषी योगी शिक्षक,कार्य किए थे जिसने नेक।।
संस्कृत के विद्वान रहे थे,और वकालत से पहचान।
लक्ष्य समाज सुधार रखे जब,कर्मवीर का कार्य महान।।
राष्ट्र निर्माण के सपने में,शिक्षा को दें सदा महत्व।
काशी का हिंदू विद्यालय,दिया युवाओं को दायित्व।।
चोरी चोरा केस लड़ा जब,जीत गए कितने अभियुक्त।
दो दल में फिर साध संतुलन,प्रण लेते अब होना मुक्त।।
तम को दूर भगाकर मोहन,दें अनुपम आलोकित ज्ञान।
सत्यमेव नारा देकर के,किया धर्म संस्कृति उत्थान।।
अत्यंत उत्कृष्ट एवं सटीक सृजन दीदी🙏🙏
ReplyDeleteवाह्हहहहहहहहहह, अद्भुत, वंदनीय सृजन मैम..... 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
ReplyDeleteधन्यवाद प्रशांत जी
Deleteअति सुंदर एवं सार्थक सृजन 💐💐🙏🏼
ReplyDeleteधन्यवाद दीप्ति जी
Deleteबहुत ही सुंदर सृजन।
ReplyDeleteनमन।
सादर
धन्यवाद अनिता जी
Deleteसादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार(26-12-21) को क्रिसमस-डे"(चर्चा अंक4290)पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है..आप की उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी .
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कामिनी सिन्हा
हार्दिक आभार आ0
Deleteअत्यंत उत्तम मैम🙏नमन
ReplyDeleteधन्यवाद गुंजित
Deleteमहामना को भावभीनी श्रद्धांजलि !
ReplyDeleteयात्रा पर रहने और आज नेटवर्क उपलब्ध होने के कारण ।मैं आज रचनाओं को देख पा रहा हूँ। बहुत अच्छी रचना!--ब्रजेंद्रनाथ
ReplyDeleteहार्दिक आभार आ0
Deleteसुंदर
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