संकल्प
शुभारम्भ संकल्प से ,परम्परा प्राचीन।
ध्येय सिद्धि की पूर्णता,रहिये इसमें लीन।।
सुप्त पड़ी क्षमता जगा,शक्ति मानसिक साध।
एक ज्योति संकल्प की,जलती रहे अबाध ।।
सदाचार के ह्रास से, हुई सभ्यता भार।
भूल गये संकल्प वो,जो जीवन आधार।।
दृढ़ इच्छा रख प्रण करें,यही बने संकल्प।
जीवन के निर्माण में ,संशय रखें न अल्प।।
शक्ति बड़ी संकल्प में,कहते संत सुजान ।
है अनगिन सम्भावना,कठिन कार्य आसान।।
अनिता सुधीर
अत्यंत सार्थक संदेश देती हुई दोहावली 💐💐🙏🏼
ReplyDeleteहार्दिक आभार दीप्ति जी
Deleteबेहतरीन
ReplyDeleteहार्दिक आभार आ0
Deleteशक्ति बड़ी संकल्प में🙏🙏 बहुत सुंदर दोहावली मैम🙏
ReplyDeleteसादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार(28-12-21) को मेहमान कुछ दिन का अब साल है"(चर्चा अंक4292)पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है..आप की उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी .
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कामिनी सिन्हा
हार्दिक आभार आ0
Deleteदृढ़ इच्छा रख प्रण करें,यही बने संकल्प।
ReplyDeleteजीवन के निर्माण में ,संशय रखें न अल्प।।
अति सुन्दर संकल्प ।
हार्दिक आभार आ0
Deleteसंकल्प की शक्ति
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