डॉ राजेंद्र प्रसाद
3 दिसंबर 1884 - 28 फरवरी 1963
राष्ट्रपति भारत के
थे प्रथम बाबू राजेंद्र।
सादगी मूरत में
देश की आशा का केंद्र।।
त्याग सादगी की मूरत में,थे राजेंद्र प्रसाद महान।
नवनिर्माता भारत के थे,प्रथम राष्ट्रपति का सम्मान।
प्रतिभाशाली छात्र रहे जो,बनते शिक्षक और वकील।
सभी मुकदमा जीतें बाबू, देते अद्भुत तर्क दलील।।
भाषाओं के ज्ञानी का था,सादा जीवन उच्च विचार।
पहनावा साधारण सा था, सेवा व्रत जीवन आधार।।
नहीं व्यक्तिगत चाह रखी थी,धन-दौलत का कब था मोह।
गांधी दर्शन का चिंतन कर,जीवन को लेते वो टोह।।
मातृभूमि की सेवा करके,सब के मुख पर दी मुस्कान।
अर्थशास्त्र लिख खादी का,बने देश के रत्न महान।।
अनिता सुधीर आख्या
सुन्दर
ReplyDeleteजी हार्दिक आभार
DeleteVery nice
ReplyDeleteजी हार्दिक आभार
Deleteअत्यंत सुंदर सृजन ।
ReplyDeleteआ0 हार्दिक आभार
Deleteजी हार्दिक आभार
ReplyDeleteहमारे प्रथम राष्ट्रपति को समर्पित अति सुंदर दोहे 💐💐🙏🏼
ReplyDeleteआ0 हार्दिक आभार
Deleteसुंदर दोहे
ReplyDeleteदेशरत्न राजेन्द्र बाबू पर ऐसी अद्भुत कविता मैंने पहले कभी नहीं पढ़ी। उस हुतात्मा के साथ ही आपकी लेखनी को भी नमन।
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