तोरण द्वारे पर सजे
बाजे मंगल गीत।
पावन परिणय में बँधे
साथ चले मनमीत।।
सात जन्म के प्यार को
बाँधा तेरे साथ
रचा प्रेम अनुभूतियां
थामा प्रीतम हाथ
बंधन जन्मों का रहे
मधुरम प्रणय पुनीत
पावन परिणय में बँधे
साथ चले मनमीत।।
पीहर से पी घर चली
स्वप्न सुनहरे बाँध
मन मंदिर में साजना
मिला तुम्हारा काँध
प्रेम कवच विश्वास का
संबंधों की जीत
पावन परिणय में बँधे
साथ चले मनमीत।।
प्रेम सरिस दूजा नहीं
यही प्रणय का सार
हृदय प्रेम परिपूर्णता
सजा सकल संसार
मन कोयल सा कूकता
अंग अंग संगीत
पावन परिणय में बँधे
साथ चले मनमीत।।
अनिता सुधीर आख्या
खूबसूरत 👍👍
ReplyDelete💐
Deleteवाह्हहहहहहहहहह अद्भुत, रमणीय गीत मैम... ❤❤❤💐💐💐💐💐💐💐
ReplyDeleteअति सुंदर एवं मनमोहक गीत सृजन 💐💐🙏🏼
ReplyDeleteहार्दिक आभार दीप्ति जी
DeleteAti Sunder
ReplyDeleteआ0 आपके स्नेह भरे शुभकामना संदेश के लिए हृदय से आभार
Delete🙏🙏🙏
शुभकामनाएँ मैम 🎊🎊🎉🎉
ReplyDeleteजी धन्यवाद
Deleteसादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार
(5-12-21) को "48वीं वैवाहिक वर्षगाँठ"
( चर्चा अंक4269)पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है..आप की उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी .
--
कामिनी सिन्हा
हार्दिक आभार आ0
Deleteबहुत सुंदर प्रस्तुति हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीदी
ReplyDeleteअत्यंत मनहर गीत🙏🙏
ReplyDeleteधन्यवाद गुंजित
Deleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteजी आभ्गर
Deleteवाह!!
ReplyDeleteबहुत ही खूबसूरत सृजन मैम
सादर आभ्गर
Deleteजो अभिव्यक्ति हृदय को तलहटी तक छू जाए, उस पर टिप्पणी करने को जी नहीं करता। जी यही करता है कि चुप रहकर उसे महसूस करते रहो।
ReplyDeleteहार्दिक आभार आ0
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