स्कन्द माता के चरणों में पुष्प
पंचम तिथि माँ स्कंद का,पूजन नियम विधान है।
भक्तों का उद्धार कर , करतीं कष्ट निदान हैं।।
तारकसुर ब्रह्मा जपे, माँग लिए वरदान में।
अजर अमर जीवित रहूँ,मृत्यु न रहे विधान में।।
संभव ये होता नहीं,जन्म मरण तय जानिए।
शिव सुत हाथों मोक्ष हो,मिले मूढ़ को दान ये।।
मूर्ति वात्सल्य की सजे,कार्तिकेय प्रभु गोद में।
संतति के कल्याण में,जीवन फिर आमोद में।।
सिंह सवारी मातु की,चतुर्भुजी की भव्यता।
शुभ्र वर्ण पद्मासना,परम शांति की दिव्यता।।
जीवन के संग्राम में,सेनापति खुद आप हैं।
मातु सिखाती सीख ये, बुरे कर्म से पाप हैं।।
ध्यान वृत्ति एकाग्र कर,शुद्ध चेतना रूप से।
पाएं पुष्कल पुण्य को,पार लगे भवकूप से।।
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज मंगलवार 11 अक्टूबर 2021 शाम 3.00 बजे साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteआ0 हार्दिक आभार
Deleteअद्भुत मैम
ReplyDeleteजी धन्यवाद
ReplyDeleteअदभुत
ReplyDeleteDhanywaad
Deleteबहुत ही सुन्दर अदभुत🙏🙏🙏
ReplyDeleteधन्यवाद सखि
DeleteMaa ki kripa sabko mile,bahut sundar bhavvyakti,mantramugdh kar diya!
ReplyDeleteधन्यवाद ऊषा
Deleteतुम्हारे स्नेह ने मन मोह लिया
बहुत सुंदर भावपूर्ण स्तुति माॅं स्कंदमाता की 🙏🙏🙏🌹🌹
ReplyDeleteधन्यवाद सरोज जी
Deleteसादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (12-10-21) को "पाप कहाँ तक गंगा धोये"(चर्चा अंक 4215) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
------------
कामिनी सिन्हा
अत्यंत सुंदर उल्लाला छंद🙏🙏नमन
ReplyDeleteअद्भुत स्तुति.. नमन ! 🙏
ReplyDeleteसादर आभार संजीव जी
ReplyDeleteअत्यंत उत्कृष्ट छंद बद्ध स्तुति 🙏🏼💐
ReplyDeleteजी हार्दिक आभार
Deleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteजी हार्दिक आभार
Deleteमां की सुंदर स्तुति
ReplyDeleteजय माता दी
जी धन्यवाद
DeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteआदरणीया अनिता सुधीर जी, स्कंदमाता का कवित्वपूर्ण सुंदर वर्णन१--ब्रजेंद्रनाथ
ReplyDeleteहार्दिक आभार आ0
Deleteध्यान वृत्ति एकाग्र कर,शुद्ध चेतना रूप से।
ReplyDeleteपाएं पुष्कल पुण्य को,पार लगे भवकूप से।।
माँ स्कन्दमाता की स्तुति में बहुत ही लाजवाब सृजन
वाह!!!
हार्दिक आभार आ0
Delete