शरद पूर्णिमा की शुभकामनाएं
मंगल
मंगलकारी रात में, हो अमरित बरसात।
शरदपूर्णिमा चाँद से, बहते हृदय प्रपात।।
बहते हृदय प्रपात, शुभ्रता जीवन भरती।
निकट हुए राकेश, धरा आलिंगन करती।।
रखा पात्र में खीर, बना औषधि उपचारी।
सभी कला में पूर्ण, कलानिधि मंगलकारी।।
अनिता सुधीर आख्या
सटीक वर्णन
ReplyDeleteबहुत सुंदर, सचमुच बहुत ही सुंदर काव्य-रचना। एक-एक शब्द शरद पूर्णिमा का आभास करवाते हुए मन को शीतल कर देता है।
ReplyDeleteबहुत बहुत सुन्दर
ReplyDeleteहार्दिक आभार आ0
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