माता सिद्धिदात्री के चरणों में पुष्प
नंदा पर्वत तीर्थ में,सिद्धि शक्ति का वास है।
नवमी तिथि की मान्यता,कन्या पूजन खास है।।
महादेव को सिद्धियाँ, मातु कृपा से प्राप्त हैं।
अर्ध देह रख देवि का,नारीश्वर विख्यात है।।
मातु सिद्धिदात्री लिये ,दुर्गे का अवतार हैं।
आठ सिद्धियाँ पाइये,भव सागर फिर पार है।।
ज्ञान बोध की देवियां,परा शक्ति का ध्यान कर।
मिले सिद्धि सम्पूर्णता,सप्त शती का गान कर।।
हवन कुंड की अग्नि में,मिटते सभी विकार हों।
पूजन सार्थक फिर तभी,अंतस का श्रृंगार हो।।
अनिता सुधीर आख्या
अद्भुत अद्भुत 🙏जय माता दी। 🙏🙏
ReplyDeleteसुन्दर थी जय माता दी
ReplyDeleteआभ्गर सखि
Deleteबहुत ही सुन्दर जय माता दी
ReplyDeleteधन्यवाद सखि
ReplyDeleteसिद्धिदात्री को नमन के साथ साथ रचनाकार को साधुवाद
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद
Deleteअंतस का श्रृंगार हो🙏 बहुत सुंदर। जय माता दी
ReplyDeleteसिद्धदात्री माता को कोटि कोटि नमन। बहुत सुंदर वर्णन।।
ReplyDeleteहार्दिक आभार आ0
Deleteजय माँ सिद्धिदात्री 🙏🏼🙏🏼💐💐
ReplyDeleteधन्यवाद दीप्ति जी
Deleteअति सुंदर
ReplyDeleteजी धन्यवाद
Deleteबहुत सुंदर। ऐसे लेखन हेतु बधाई
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