माँ चंद्र घण्टा के चरणों में पुष्प
नवरातों त्योहार में, दिवस तीसरा ख़ास।
चंद्र घंट को पूज के, लगी मोक्ष की आस ।।
सौम्य रूप में शाम्भवी, माँ दुर्गा अवतार ।
घण्टा शोभित शीश पर ,अर्ध चंद्र आकार ।।
सिंह सवारी मातु की, अस्त्र शस्त्र दस हाथ।
दर्श अलौकिक जानिए , दिव्य शक्तियाँ साथ।।
अग्नि तत्व मणिपुर सधे, योग साधना तंत्र ।
साधक मन को साधते, सप्त शती के मंत्र।।
ध्वनि घंटे की शुभ रही, करें जोर से नाद।
दूर प्रेत बाधा करे, दूर करे अवसाद ।।
कीर्ति मान सम्मान हो, साधक के घर द्वार।
रक्षा करने धर्म की, माँ आयीं संसार।।
अनिता सुधीर
Mata ki bahut sunder vandana ke liye abhar sakhi.
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद उषा
Deleteबहुत सुंदर सृजन 🙏🙏
ReplyDeleteसुंदर, सार्थक रचना ! 🙏💐
ReplyDeleteहार्दिक आभार संजीव जी
Deleteअत्यंत अद्भुत दोहे🙏🙏 जय माँ चंद्रघंटा
ReplyDeleteधन्यवाद गुंजित
Deleteउत्तम अभिव्यक्ति
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteअप्रतिम मैम..🙏
ReplyDeleteजय माता की
आत्मीय धन्यवाद
Deleteजय माता की
माता की बहुत सुंदर वंदना।
ReplyDeleteजी हार्दिक आभार
Deleteसुबह कि शुरुआत माता को समर्पित इस रचना के साथ ।
ReplyDeleteउत्तम सर्वोत्म !
रक्षा करने धर्म की आई मां संसार,
ReplyDeleteअति सुन्दर
जय माता दी 🙏
आभ्गर
Deleteसुंदर, सार्थक रचना ! .......
ReplyDeleteMere Blog Par Aapka Swagat Hai.....
जी अवश्य
Deleteमां की बहुत प्यारी वंदना....आप बहुत सुंदर पंक्तियां लिखती है....प्रभु का आशीर्वाद
ReplyDeleteजी आपका हार्दिक आभार
Deleteआपका हार्दिक आभार आ0
ReplyDeleteसुन्दर रचना
ReplyDeleteहार्दिक आभार आ0
Deleteअति सुंदर भाव भक्ति से भरपूर दोहे अनिता जी 🙏🏼
ReplyDeleteमातारानी की भक्ति से ओतप्रोत सुंदर भावपूर्ण दोहे, नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐💐
ReplyDeleteआप को भी हार्दिक शुभकामनाएं
Deleteसादर नमन
सुंदर रचना ,मां चन्द्रघंटा के ऊपर
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