माँ कुष्मांडा के चरणों में श्रद्धा के पुष्प
माँ कुष्मांडा पूजते, चौथे दिन नवरात्रि के।
वंदन बारम्बार है, चरणों में बल दात्रि के।।
अंधकार चहुँ ओर था, रूप लिया कुष्माण्ड का ।
ऊष्मा के फिर अंश से, सृजन किया ब्रह्मांड का।।
अष्ट भुजी देवी लिए, माला निधि की हाथ में।
अमृत कलश की सिद्धियाँ, सदा सहायक क्वाथ में।।
शक्ति मिले संकल्प की, चक्र अनाहत ध्यान से।
रहे प्रकाशित दस दिशा, यश समृद्धि सम्मान से।।
ओज तेजमय पुंज का, सूर्य लोक में धाम है ।
सकल जगत की स्वामिनी, शत शत तुम्हें प्रणाम है।।
अनिता सुधीर आख्या
जय कुष्मांडा माँ🙏🙏अति सुंदर🙏🙏
ReplyDeleteधन्यवाद गुंजित
Deleteजय हो 🙏🙏
ReplyDeleteधन्यवाद रेखा जी
Deleteजय माता दी
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteजय हो
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteजय माँ कूष्माण्डा 🙏🏼💐
ReplyDeleteधन्यवाद दीप्ति जी
Deleteअति उत्तम रचना अनिता 👌
ReplyDeleteधन्यवाद अनिता
Deleteजय माँ कुष्मांडा।
ReplyDeleteसुंदर सृजन।
धन्यवाद अनिता
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सृजन
ReplyDeleteजी सादर आभार
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