राम मनोहर लोहिया
देश के चिंतन में
लोहिया जीवित हैं आज।
पक्षधर शुचिता के
कर्म के मंथन में आज।।
कुछ लोग मरा कब करते हैं, सोच अमर करती है नाम।
राम मनोहर समाजवाद को, जन-जन करता नित्य प्रणाम।
राष्ट्रवाद के प्रखर प्रणेता, नित्य सुधारें देश समाज।
कर्म अनुसरण कर कितनों ने, अब भी पहना सिर पर ताज।।
आजादी के आंदोलन में,योगदान भूला है कौन।
जनमानस में भेद मिटाने, कर्म करें वह रहकर मौन।।
मतभेद जवाहर से होता, सप्त क्रांति की उनकी नीति।
ऐसा जग बन जाए फिर जिसमें पलती पल-पल प्रीति।।
राजनीति की शुचिता में वो, अपनों का भी करें विरोध।
अनगिन स्मारक आज खड़े हो, नित्य कराते सबको बोध।।
उत्कृष्ट रचना
ReplyDeleteधन्यवाद
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