Saturday, January 2, 2021

बीस

6 comments:

  1. बहुत सुन्दर दोहे।
    बधाई हो आपको।

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  2. जाते हुए वर्ष का यथार्थवादी चित्रण

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विश्व पृथ्वी दिवस

सहकर सबके पाप को,पृथ्वी आज उदास। देती वह चेतावनी,पारा चढ़े पचास।। अपने हित को साधते,वक्ष धरा का चीर। पले बढ़े जिस गोद में,उसको देते पीर।। दू...