Wednesday, November 19, 2025

कुंडलियां दिवस की बधाई

कुंडलिया दिवस की बधाई 

ईश्वर

अंतर्यामी ईश में,निहित अखिल ब्रह्मांड।
निराकार के रूप में,अद्भुत अर्थ प्रकांड ।।
अद्भुत अर्थ प्रकांड,जगत के नीति नियन्ता।
पंचतत्व में व्याप्त,अटल है आदि अनंता ।।
सत्ता रही अदृश्य,अजन्मा जग का स्वामी।
सत्य चित्त आनंद,ब्रह्म है अंतर्यामी।।

ईश्वर

ईश्वर के इस रूप का,कैसे करूँ बखान।
निराकार साकार का,भेद नहीं आसान।।
भेद नहीं आसान,ईश हैं घट घट व्यापी।
कण कण में यदि वास,मूर्ति फिर रहे प्रतापी।।
मैं मूरख अंजान, सूक्ष्म कण काया नश्वर।
'शंकर' 'शिव' का भेद,बता दो मेरे ईश्वर।।

अनिता सुधीर आख्या

Saturday, November 1, 2025

प्रबोधिनी एकादशी

प्रबोधिनी एकादशी

*प्रबोधिनी एकादशी,आए कार्तिक मास।*
*कार्य मांगलिक हो रहे,छाए मन उल्लास।।*

शुक्ल पक्ष एकादश जानें।कार्तिक शुभ फलदायक मानें।।
चार मास की निद्रा लेकर।चेतन में लौटे दामोदर।।
श्लोक मंत्र से देव जगाएँ। प्रभु चरणों में शीश झुकाएँ।।
तुलसी परिणय अति पावन है।मंत्र दशाक्षरी  मनभावन है।।
भाव सुमन को उर में भरिये।विधि विधान से पूजन करिये।।
दीप धूप कर्पूर जलाएं।माधव को प्रिय भोग लगाएं।।
व्रत निर्जल जब सब जन रखते।दीन दुखी के प्रभु दुख हरते ।।
महिमा व्रत की है अति न्यारी।पुण्य प्रतापी सब नर नारी।।

*पाप मुक्त जीवन हुआ,हुआ शुद्ध आचार।*
*आराधन पूजन करे,खुले मोक्ष के द्वार।।*

अनिता सुधीर आख्या

कुंडलियां दिवस की बधाई

कुंडलिया दिवस की बधाई  ईश्वर अंतर्यामी ईश में,निहित अखिल ब्रह्मांड। निराकार के रूप में,अद्भुत अर्थ प्रकांड ।। अद्भुत अर्थ प्रकांड,जगत के नीत...