Friday, October 10, 2025

करवा चौथ

करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएं 


प्रणय के राग गाने को,गगन में चाँद आता है।
अमर अहिवात जन्मों तक,सुहागन को सुनाता है।।

करे शृंगार जब नारी,कलाएँ कांति बरसातीं 
निरख कर रूप रमणी का,हृदय से मुस्कुराता है।।

सजा कर थाल करवा का,जली जब प्रीति की बाती
व्रती फिर चौथ पूजे तब,कलश भर अर्घ्य पाता है।।

दमकती दिव्यता लेकर,रही वामांगिनी निर्जल
निहारे देव को छलनी, शुभम् सौभाग्य आता है।।

अधूरी सी कहानी को,विवाहित पूर्णता देते
समाहित एक दूजे में,यही करवा  सिखाता है।।

अनिता सुधीर आख्या

Thursday, October 9, 2025

प्रीति

प्रीति का नव गीत रच दें आज गाने के लिए।
अब दिवस अठखेलियाँ कर हों सजाने के लिए।।
दौड़ कर ही वक़्त गुजरा,चाह अब विश्राम की
साथ जी लें अब पलों को चैन पाने के लिए।।

अनिता सुधीर आख्या 

Wednesday, October 1, 2025

प्रभु श्री राम का कोदंड धनुष

कोदंड धनुष

विधि लेखा का नेक कार्य ले, रघुवर वन को आए थे
मर्यादा ने मर्यादा रख, अद्भुत अस्त्र उठाए थे

धन्य-धन्य वह बाँस युगों तक, जिससे कोदंड बनाया
स्पर्श मिला प्रभु कर कमलों का,दिव्य अलौकिक कहलाया
कठिन तपस्या ऋषियों ने कर, रक्षा मंत्र समाए थे
मर्यादा ने मर्यादा रख, अद्भुत अस्त्र उठाए थे

चमत्कार कोदंड देखकर, लक्ष्य सदा भयभीत रहे
नीर जलधि का नहीं सोखिए, वरुण राम से यही कहे
सत्पुरुषों के हित साधे जब, कितने प्राण बचाए थे
मर्यादा ने मर्यादा रख, अद्भुत अस्त्र उठाए थे

कांधे सज कोदंड दंड दे, दुष्टों का संहार करे
धर्मयुद्ध में सत्य जिताकर, अभिमानी पर वार करे
तीरों ने जिस तन को बेधा, उसको अमर बनाए थे
मर्यादा ने मर्यादा रख, अद्भुत अस्त्र उठाए थे

द्वेष अहं दस शीश उठाए, फूले-फिरते यहाँ-वहाँ
धर्म सुनिश्चित करने आओ, राम छिपे तुम कहाँ-कहाँ
अब तुम
कलयुग का उद्धार करो अब, तुमनें वचन निभाए थे

 अनिता सुधीर आख्या 


करवा चौथ

करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएं  प्रणय के राग गाने को,गगन में चाँद आता है। अमर अहिवात जन्मों तक,सुहागन को सुनाता है।। करे शृंगार जब नारी,कलाए...