Sunday, May 19, 2024

गीतिका

गीतिका 

झूठ को सीढ़ियों पर चढ़ाने लगे।
पाठ नित ही नया फिर पढ़ाने लगे।।

मानते जो स्वयं को सदा श्रेष्ठ ही
पात्र ख़ुद को हॅंसी का बनाने लगे।।

मूर्खता कर अहं को बढ़ा जो रहे
त्यौरियाॅं हर समय वह चढ़ाने लगे।।

सत्यता को परख बोलते जब नहीं
गिनतियाॅं दुश्मनों की बढ़ाने लगे।।

मौन धारण करे बात बनती नहीं
जब हठी नित्य अपनी चलाने लगे।।

अनिता सुधीर आख्या

Thursday, May 16, 2024

चुनावी जंग

कुंडलियां


गिरगिट को भी मात दे,नेताओं के रंग।
चकित भ्रमित जनता खड़ी,देख चुनावी जंग।।
देख चुनावी जंग,झूठ का लगता मेला ।
सुन कर कड़वे बोल,लाज से गड़ा करेला ।।
करें पलट कर वार,सुनें मत इनकी किटकिट ।
सभी करें मतदान,भगा दें काले गिरगिट।।

अनिता सुधीर आख्या




संसद

मैं संसद हूँ... "सत्यमेव जयते" धारण कर,लोकतंत्र की पूजाघर मैं.. संविधान की रक्षा करती,उन्नत भारत की दिनकर मैं.. ईंटो की मात्र इमार...