Wednesday, May 26, 2021

मंगल

 मंगल शब्द पर दोहे

अंतरिक्ष अभियान में,ऊँची भरे उड़ान।
ग्रह पर मंगल यान से ,बढ़ा देश का मान।।

ज्येष्ठ मास मंगल रहे,लखनऊ में कुछ खास ।
पंचमुखी हनुमान जी,पूरी करते आस ।।

शुभ मंगलकारी वचन,भरते उर उत्साह ।
मिले मनुज को जीत फिर,उत्तम पथ निर्वाह।।

मंगलमय जीवन रहे,मंगल ध्वनि सुर साज।
उर में मंगल भाव से,हर्षित रहे समाज।।

लेखन रुचि दो वर्ष से,आख्या अब उपनाम ।
यात्रा मंगल दायिनी,आये नहीं विराम ।।

वैदिक ज्योतिष ग्रंथ में, मंगल ग्रह बलवान।
मूँगा से ग्रह शान्ति हो, कहते विज्ञ सुजान।।

करें शांत ग्रह ज्योतिषी, शोध करे विज्ञान।
रोवर मूँगा  से चले, मंगल जल अभियान।।

अनिता सुधीर आख्या

3 comments:

संसद

मैं संसद हूँ... "सत्यमेव जयते" धारण कर,लोकतंत्र की पूजाघर मैं.. संविधान की रक्षा करती,उन्नत भारत की दिनकर मैं.. ईंटो की मात्र इमार...